tag:blogger.com,1999:blog-1427707812731325418.post576742368186598254..comments2023-10-23T11:16:27.342-07:00Comments on अपनी ज़मीं अपना आसमां: पीपली लाइव या मीडिया लाइवApni zami apana aasamhttp://www.blogger.com/profile/14364264322437285875noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1427707812731325418.post-75481313241681704712010-08-17T11:05:26.387-07:002010-08-17T11:05:26.387-07:00समीक्षा बताती है कि आपमें फ़िल्म देखने, उसे समझने ...समीक्षा बताती है कि आपमें फ़िल्म देखने, उसे समझने की बेसिक समझदारी और गंभीर दृष्टि है...हालांकि कुछ मुद्दों पर आपकी क़लम कहीं-कहीं विचलित भी हुई है। वस्तुतः पीपली लाइव सेटायर है...इसमें जो हास्य है, वो व्यंग्य की ज़मीन तैयार करने के लिए ही रचा-बुना गया है। चोला माटी का...गीत नश्वरता का प्रतीक है और क्लाइमेक्स के लिए ज़रूरी है। समीक्षा में दम है. थोड़ा और बारीकी से फ़िल्में देखेंगी तो निश्चित तौर पर आपकी समीक्षा आगे और, और ज़ोरदार होगी।चण्डीदत्त शुक्लhttp://www.chauraha1.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1427707812731325418.post-31594448595331714862010-08-17T05:30:07.283-07:002010-08-17T05:30:07.283-07:00niceniceमाधव( Madhav)https://www.blogger.com/profile/07993697625251806552noreply@blogger.com