ज़िन्दगानी के शहर में यादों का अंतहीन कर्फ्यू...
सांसों की राहों पर पहरे...धड़कनों की गलियों में अंधेरे...
दिल के घर से अरमानों का बाहर निकलना...उस पर यादों की संगीनों का चलना...
अरमानों की मौत का मंजर...उसके जनाजे में उठे कशमशों के खंजर...
दिल-ए-घर की चारदीवारी में अहसासों का जलना...जज्बातों का मरना...
दिल के दालानों में हंसी का मातम... खुशी का सिसकना...
आंखों के दरवाजों पर... कसक की चिलमन...ख्वाबों का बिखरना...
कानों की सांकल पर अजनबी आहट का खटकना...
ज़िन्दगानी के शहर में यादों का अंतहीन कर्फ्यू...
सांसों की राहों पर पहरे...धड़कनों की गलियों में अंधेरे...
दिल के घर से अरमानों का बाहर निकलना...उस पर यादों की संगीनों का चलना...
अरमानों की मौत का मंजर...उसके जनाजे में उठे कशमशों के खंजर...
दिल-ए-घर की चारदीवारी में अहसासों का जलना...जज्बातों का मरना...
दिल के दालानों में हंसी का मातम... खुशी का सिसकना...
आंखों के दरवाजों पर... कसक की चिलमन...ख्वाबों का बिखरना...
कानों की सांकल पर अजनबी आहट का खटकना...
ज़िन्दगानी के शहर में यादों का अंतहीन कर्फ्यू...
5 टिप्पणियां:
nice lines
गद्य में कविता , बढ़िया
bahut badhiya likha hai. keep it up....
very nice
बहुत बढ़िया.
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