गुरुवार, अगस्त 12, 2010

कहां है वो जज्बा ऐ आजादी

वो बिस्मिल के तराने, वो भगत सिंह के नगमें, वो जज्बा ऐ आजादी आजाद की,
 वो जय हिंद की हुंकार से डोलते धरती- आकाश, वो अशफाक के सीने में धधकती क्रांति की आग,
वो फनाह होना वतन पर खुदी का, कहां है वो मेरा हिन्दुस्तान..
मजहब की दीवारें, सत्ता की चालें..घोटालों की गफलत, 
नक्सल की आग, झुलस रहा हर तरफ मेरा हिन्दुस्तान,
अलगाव की ईटें हैं, आंतक की ज्वाला,सिसक रही है मेरी भारत माता..
कहां है वो जज्बा ऐ आजादी, कहां है वो आजाद हिन्दुस्तान
कहां है, कहां है वो आजाद हिन्दुस्तान

1 टिप्पणी:

शारदा अरोरा ने कहा…

अरे ये तो वतन का गीत है ..हमारे ताजा हालात बयान करता हुआ ...क्या किसी की नजर इस पर नहीं पड़ी ..एक भी टिप्पणी नहीं आई ? क्या अपने ब्लॉग पर इसका लिंक दे दूं ?